आज का दिन ऐसा है की सम्पूर्ण विश्व का उत्साह जाग उठेगा की पर्यावरण बचाना है ,
खासकर उन भारतीय लोगो के लिए जो पर्यावरण को नष्ट करने पर प्रथम स्थान पर है ।
ये जुनून भी बस आज का होगा और कल से ठंडा हो जायेगा , आज हज़ारो पेड़ लगेंगे और कल ये उजड़ जायेंगे , आज लाखो बागीचों में फूलो की सुगंध फैलेगी और कल से वहीं सुखे मुरझाये फूल नज़र आएंगे , आज सबके अंदर नालियों और भरे कूड़े दानो को साफ करने का जुनून जागेगा और फिर ये सब कल भर जायेगा । अब तो हँसी आती है इन सब को देख कर ऐसा लगता है बेटी की शादी है और एक दिन का बोझ है भाई बस किसी तरह उतार दो अगले साल फिर से मेहनत होगी ।
अरे मुझे इतनी सी बात समझ नही आती की अगर हम प्रतिदिन मात्र 5 मिनट से भी कम कूड़े के निपटान में लगाए और इसी 5 मिनट में एक पौधे को प्रतिदिन पानी दे तो हम कितनी जिंदगी बचा सकते है जो प्रदूषित वायु के कारन होती है ,
सिर्फ वायु ही नही प्रदूषित बल्कि हमारी धरती जो हमे खाना देती है ,दरअसल जिसे हम अपनी धरती माँ कहते है उनको भी नही छोड़ते प्लास्टिक आदि फेंक कर उसे गन्दा करते है इसे भी उसी 5 मिनट में निपटा सकते है ।
दोस्तों ये सभी बात में लोगो को बताता हूँ समझाता हूँ मगर कुछ लोग मुझे बच्चा समझ के ध्यान नही देते और कुछ लोग सोचते है ज्यादा पढ़ लिया है , लोगो की मानसिकता जैसे इस क्षेत्र से हट चुकी है ।
अभी पिछले ब्लॉग में ही मैंने जो शर्मिंदगी महसूस की थी उसे व्यक्त किया था , लोगो ने पढ़ा भी और प्रसंशा भी की , इस पर मैंने उनसे कहा की मुझे प्रसंशा की जरूरत नही मुझे तो बस बदलाव चाहिए लोगो में और इस पर्यावरण में खैर देखते है ये कितना प्रभावशाली होगा लोगो के लिए और दोस्तो मैं बता दूं की मैं पुनः उस पेड़ से मिलने जाने वाला हूँ  जिसकी बातो से मैं काफी शर्मिंदा हुआ था , मगर इस बार शर्मिंदा होने नही बल्कि उसे बताने की मैं उसकी व्यथा लिखने को तैयार हूँ ,मैं उसकी बातो को लोगो तक पहुँचाऊँगा ।
पाठक गण मुझे आप लोगो से यही आशा है की आप लोग मेरी इस बात को लोगो तक पहुँचाएंगे और एक बदलाव लाने में सहायता करेंगे , ये बात किसी राजनीति की नही बल्कि पर्यावरण और जनहित की है ।
आप सभी का धन्यवाद ।