मेरा उन सभी सुपुत्र सुपुत्रियों ने निवेदन है कि एक दिन का प्यार बरसा कर उन्हें 364 दिन का दुख न दे 365 के 365 दिन उन्हें सम्मान दे एक दिन की जरूरत नही पड़ेगी ।
मां आपके बस इसी बात से खुश हो लेगी की अपने उनकी हर बात मान ली कोई पूजा और कोई श्रवन कुमार बनने के आवश्यकता नही क्योंकि ये कलयुग है सुबह घर से निकले तो इतना बोल दे मां में जा रहा हूँ कुछ लेना है ,
शाम को लौटे तो इतना बोला दे खाना खाया बस इतना ही काफी है ना कोई केक न कोई चोकोलेट न कोई पार्टी और न ही कोई मां के साथ आपकी फ़ोटो बस एक काम करना अपनी पहली तनख्वाह मां के हाँथ में देना फिर चाहे सारी दौलत बीवियों पे लुटा देना देखना आपकी मां उस तनख्वाह को किसी मस्जिद या मन्दिर में दान कर देगी या किसी गरीब को दे देगी सडका उतार देगी ,
ओर वही तनख्वाह अपकी बीवी के हाथ लगी तो वो आपके दुआओ को नही खरीदेगी बल्कि इनसे उनके शौक पूरे होंगे , है ऐसा नही है कि आपकी मां आपकी सारी तनख्वाह लुटा दे वो उसे बचा लेगी मेरे बेटे के बुरे वक्त में काम आएंगे ।
और है एक बात और आप मां को कुछ न दे बस हफ्ते में एक बार 100-500 के बीच कुछ रुपये देदे और अगर चेक करना हो की आपकी मां इन 500 रुपयों का क्या करती है तो महीने में एक बार उनसे ये कहे कि मैं मुझे कुछ पैसों की जरूरत है फिर देखना आपके दिए हुए सारे पैसे आपकी मां की झोली में मिलेंगे । ये होती है माँ , जिन्हें बेटे का कर्ज नही चाहिए बस आप थोड़ा सा फ़र्ज़ निभाइए सच कह रहा हूँ आप जीते जी जन्नत पा लेंगे
न कोई तीर्थ यात्रा करने की जरूरत
न काबा काशी जाने की जरूरत
बस इतना सोच ले नही कोई आपकी माँ जैसी मूरत ।
कुछ मत करना बस रात में बात करने के बहाने हल्के से उनके पैरों का स्पर्श करना बेशक उनके पैर न दबाना
देखना आपकी माँ आपके लिए जान देगी चलिए आशा करता हूँ की आज से आप लोग माँ को चाहेंगे रोज़ बस 5 मिनट जा वक़्त देंगे ।
और हाँ एक बात और में तो ध्यान देता हूँ चाहे तो पता कर लेना ।
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